नाभि चक्र सही तो आप रहे तरोताजा

नाभि चक्र सही तो आप रहे तरोताजा

नाभि चक्र शरीर का केंद्र बिंदु होता है,जो पाचन तंत्र से जुड़ा होता है। अगर नाभि अपने नियत स्थान पर ना हो तो, इससे पेट संबंधी समस्याएं होने लगती है। ऐसे में नाभि से संबंधित योग क्रिया फायदेमंद होती है। हमारे शरीर के कई अंगों की बनावट इस तरह की होती है कि उनमें जरा सी तकलीफ हो जाए, तो पूरा शरीर परेशानियों से घिर जाता है।

शरीर को निरोगी रखने के लिए आयुर्वेद में कुछ ऐसे महत्वपूर्ण शारीरिक अंगों के बारे में बताया गया है। जैसे नाभि चक्र। नाभि चक्र शरीर का केंद्र बिंदु होता है। अगर नाभि में किसी तरह की परेशानी हो, तो इसका पूरा प्रभाव पूरे शरीर पर होता है। क्योंकि नाभि चक्र हमारे शरीर के विकास को गति और दिशा देता है। अगर आप की नाभि स्वस्थ है तो आपके शरीर की आंतरिक एवं बाहरी क्रिया भी शांत होगी। और आप स्वस्थ महसूस करेंगे। अगर किसी कारणवश नाभि अपने स्थान से हिल जाए तो व्यक्ति कई रोगों से परेशान हो सकता है। मसलन कब्जियत,दस्त ,गैस की समस्या, जी मिचलाना, भूख ना लगना, सुस्ती, थकावट आदि।

कई बार अचानक अधिक वजन उठाने या पाचन अंगों में विकार होने से भी नाभि चक्र पर प्रभाव पड़ता है। इस स्थिति में दवा भी कारगर नहीं होती। चिकित्सा शास्त्र के अनुसार, मनुष्य के अधिकांश रोगों का कारण नाभि चक्र का अपने स्थान से हिल जाना ही होता है। गलत खानपान और रहन-सहन का प्रभाव भी नाभि पर होता है। नाभि पेट के आसपास के हिस्सों और यकृत यानि लीवर को प्रभावित करती है। इसलिए यकृत पर विशेष ध्यान दिया जाए तो नाभि ठीक रहती है।

आपकी नाभि चक्र नियत स्थान पर है या नहीं, इसको जानने के लिए नीचे बताए गए तरीकों पर गौर करें।

1) सुबह खाली पेट लेट कर अंगूठे से नाभि को दबाए, तो वहां हृदय की धड़कन जैसी धड़कन महसूस होगी। ऐसी धड़कन महसूस हो तो आपकी नाभिचक्र ठीक है।

2) यदि नाभि ठीक रहती है, तो बाएं और दाएं स्तनाग्र की दूरी नाभि के समान होती है।

3) दोनों हथेली की जीवन रेखा अपने स्थान पर हो तो आपकी नाभि ठीक स्थिति में है।

4) सीधे खड़े होकर दोनों हाथों की सबसे छोटी उंगली को मिलाएं। यदि उँगलियों की पोर मिल जाए तो आपकी नाभि नियत स्थान पर है।

नाभि बैठाने का तरीका

1) यदि किसी कारणवश नाभि चक्र में कोई गड़बड़ी हो गई हो, तो पवनमुक्तासन करें।

2) पैर के दोनों अंगूठों को झटका देने से या फिर ऐड़ी पर मुक्का मारने से भी नाभि की स्थिति ठीक होती है।

3) बाएं या दाएं हाथ की उंगलियों से नाभि के ऊपर दबाव डालकर भी नाभि ठीक किया जा सकता है।

किसी भी उपाय को किसी एक्सपर्ट की देखरेख में ही करें

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